Cooking Oil Price: खाने का तेल हुआ इतना जयदा सस्ता, अब पहले से कम दाम में मिलेगा खाने वाला तेल

Cooking Oil Price महंगाई के बीच जब रोजमर्रा की चीजें लगातार महंगी हो रही हैं, तब खाने के तेल की कीमतों में आई कमी लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। बीते कुछ हफ्तों में सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम ऑयल के दाम घटे हैं, जिससे घरेलू खर्च में कमी की उम्मीद बढ़ी है। त्योहारी मौसम से पहले यह खबर खासकर गृहिणियों के लिए राहत की सांस लेकर आई है।

अब सस्ता हुआ रसोई का तेल

देशभर के खुदरा बाजारों में तेल की नई दरें दिखने लगी हैं। पहले जहां एक लीटर खाने का तेल ₹120 से ₹130 में मिल रहा था, वहीं अब यह ₹110 से ₹120 में उपलब्ध है। यह राहत सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि गांवों में भी इसका असर दिख रहा है, जहां तेल की खपत अधिक होती है।

क्यों घटे तेल के दाम

बाजार रिपोर्ट के अनुसार, सोयाबीन तेल में ₹8 प्रति लीटर, सूरजमुखी तेल में ₹6 और पाम ऑयल में ₹5 तक की कमी दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और देश में बेहतर आपूर्ति तंत्र इस गिरावट की बड़ी वजह बने हैं। साथ ही, सरकार द्वारा आयात शुल्क में राहत और तिलहन उत्पादन में बढ़ोतरी ने भी कीमतों को नीचे लाने में अहम भूमिका निभाई है।

बड़ी कंपनियों ने भी घटाए दाम

फॉर्च्यून, धारा, जेमिनी, सुंड्रॉप और गोदरेज जैसी प्रमुख कंपनियों ने अपने पैक्ड ऑयल की कीमतें ₹4 से ₹7 प्रति लीटर तक घटाई हैं। कंपनियों का मानना है कि इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा और त्योहारी सीजन में बिक्री में तेजी आएगी। इसके अलावा, वितरण चैनल को भी निर्देश दिए गए हैं कि नई दरें जल्द लागू की जाएं ताकि ग्राहक तुरंत लाभ उठा सकें।

ग्राहकों को कितना फायदा मिलेगा

मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए यह कमी सीधी बचत साबित होगी। एक औसत परिवार जो महीने में 2 से 3 लीटर तेल का इस्तेमाल करता है, उसे हर महीने ₹15 से ₹25 तक की बचत होगी। सालभर में यह बचत ₹300 तक पहुंच सकती है। वहीं छोटे होटल और ढाबा संचालकों की लागत घटने से उनके मुनाफे में बढ़ोतरी की संभावना है।

बाजार में मिल रहे सकारात्मक संकेत

थोक बाजारों में व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में तेल के दाम स्थिर रहेंगे। कुछ राज्य सरकारों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में सब्सिडी वाले तेल की बिक्री बढ़ाने की घोषणा भी की है, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को और राहत मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता बनी रहती है तो आने वाले महीनों में दाम और घट सकते हैं।

त्योहारों से पहले मिली बड़ी राहत

त्योहारी सीजन में घरों में मिठाइयां और पकवान बनते हैं, जिनमें तेल की खपत बढ़ जाती है। ऐसे समय में कीमतों का गिरना परिवारों के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है। अब लोग बिना बजट की चिंता के पारंपरिक व्यंजन बना सकेंगे। खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि इस बार बिक्री में 30 से 40% तक वृद्धि की संभावना है, और कई दुकानदार पहले से ही तेल का स्टॉक जमा कर रहे हैं ताकि त्योहारों में किसी तरह की कमी न हो।

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